मुनि श्री का 30 वा चातुर्मास (2017) - मीरा रोड ईस्ट, मुंबई, महाराष्ट्र में


पंचकल्याणक - श्री दिगंबर जैन प्राचीन बड़ा मंदिर, हस्तिनापुर, उत्तर प्रदेश

परम पूज्य आशुकवि मुनिश्री १०८ उत्तमसागर जी महारक के सानिध्य में

श्री दिगंबर जैन प्राचीन बड़ा मंदिर - हस्तिनापुर, उत्तर प्रदेश में पंचकल्याणक

21 अप्रैल से 26 अप्रैल 2015 में आयोजित किया गया हैं |

सभी भक्तों का स्वागत हैं |

अधिक जानकारी के लिए संपर्क करे

                                                                                                      Office Telephone:   +911233-280133
                                                                                         President (त्रिलोक चंद जैन):   +91-9212002000
                                                                                       Secretary (मुकेश जैन सराफ):   +91-9837128899
                                                                                                  Manager (मुकेश जैन):   +91-9412551909


Online प्रवचन देखने के लिए

http://www.jinvanichannel.com/live.html

 

 

 

मुनिश्री का २७ वा चतुर्मास पुणे, महाराष्ट्र में

परम पूज्य आशुकवि मुनि श्री १०८ उत्तमसागर जी महाराज का २७ वा चतुर्मास पुणे, महाराष्ट्र में, गुरु से अलग 

१३ जुलाई २०१४ - कलश स्थापना समाहरोह - दोपहर २ बजे से प्रारंभ । सभी भक्तों का स्वागत हैं । सभी भक्तों को आशीर्वाद ।


कुण्डलपुर – सुप्रीम कोर्ट में ऐतिहासिक जीत

10 मई 2014 को नेमावर सिद्ध क्षेत्र में जब आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज की आहारचर्या के दौरान जैसे ही कुण्डलपुर बड़े बाबा केस जीतने की खबर आई, तभी से आचार्य श्री के मुख पर अविस्मरणीय मुस्कान देखी जा सकती है

जब आचार्य श्री को कहा की ये सब आपके आशीर्वाद का फल है तो आचार्य श्री बोले ये भक्तों की भक्ति का परिणाम है, अगर भक्त सो जाते तो परिणाम नहीं आता !

आचार्य श्री ने आगे कहा ये रिजल्ट आने में बहुत बिलम्ब हो गया है, अब बिना रूकावट के बड़े बाबा के दरबार में तन मन और धन से मंदिर का कार्य शुरू करो और पूर्ण करो

वाशी – विश्व का सबसे बड़ा पंचकल्याणक

विश्व का सबसे बड़ा ऐतिहासिक पंचकल्याणक वाशी, नवी मुंबई, महाराष्ट्र में परम पूज्य मुनि श्री १०८ उत्तमसागर जी महाराज के सानिध्य में 1 मई 2014 से 5 मई 2014 तक हुआ

इस महोत्सव में विश्व में सर्वाधिक 1075 जिनबिम्बों की प्रतिष्ठा का अनूठा एवं अभूतपूर्व आयोजन हुआ

इसी के साथ विश्वशांति महायज्ञ एवं गजरथ महोत्सव भी संपन्न हुआ

इस अवसर पर कवियों का विराट कवी सम्मेलन तथा जैन रत्न रवीन्द्र जैन की भजन संध्या का भी आयोजन किया गया